*अमूल्य रतन* 73
अव्यक्त मुरली दिनांक: 26 जून 1969

*बच्चों के द्वारा पूछे गए प्रश्न पर बापदादा का उत्तर*

प्रश्न: _*अशरीरी कर्मातीत बन करके क्या किया?*_

उत्तर : एक सेकंड में पंछी बन उड़ गया। साकार शरीर से एक सेकंड में उड़ ना सके। *अभी एक कार्य बाकी रहा हुआ है। साथ ले जाने का।* इसलिए अब सिर्फ मिलने, अव्यक्त शिक्षाओं से बहलाने और उड़ाने लिए आते हैं।
_पढ़ाई का वह रूप अब नहीं चल सकता है। अभी कोर्स रिवाइज हो रहा है।_

प्रश्न: _*साकार रूप को अव्यक्त क्यों बनाया?*_

उत्तर: इसके भी कई गुह्य रहस्य है। इसके गहराई में जाना, फिर जो रत्न मिले वह ले आना। यह सोचना इनका गुह्य रहस्य ड्रामा में क्या नूंधा हुआ है। *बिना रहस्य के तो कोई भी चलन हो ही नहीं सकती।*

साकार तन के हर कर्म, हर स्थिति से अपने को चेक करके देखो फिर पता पड़ेगा कि कहांँ तक है।