*अमूल्य रतन* 75
अव्यक्त मुरली दिनांक: 06 जुलाई 1969

बापदादा की जो पढ़ाई मिली है उसको धारण करने से धैर्यवत और अंतर्मुख होंगे।

*अन्त मती सो गति*

समय बहुत नजदीक आने वाला है।
आप शक्तियों को भुजाएं तैयार करनी है। तब तो दुश्मन(माया) से लड़ सकेंगे।
अगर अपने में फेथ नहीं, बापदादा का पूरा परिचय नहीं तो न शक्ति सेना बन सकेंगे न वह शक्तिपन के अलंकार आयेंगे।
*अब करेक्शन करने का समय मिला है यह बात अच्छी रीति ध्यान रखना।*

*धरत परिये धर्म न छोड़िए*
कौन-सा धर्म, कौन-सा धरत ?

एक बार वायदा कर लिया बापदादा को हाथ दे दिया फिर धर्म(पवित्रता) को नहीं छोड़ना है।
*लक्ष्य से अगर उतर गए हो तो फिर जम्प मार लक्ष्य पर बैठ जाओ।*

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