*अमूल्य रतन* 77
अव्यक्त मुरली दिनांक: 16 जुलाई 1969

*भट्टी अर्थात् परिवर्तन समारोह*
*परिवर्तन की उत्कंठा क्या पहचान देता है?*

इस बात की पहचान देता है कि अभी प्रत्यक्षता का समय नजदीक है। पहले प्रत्यक्षता होगी फिर इस सृष्टि पर स्वर्ग प्रख्यात होगा।

*एक एक स्टार में दुनिया का अर्थ*

जैसे कहते हो एक एक स्टार में दुनिया है लेकिन यह पता नहीं एक एक स्टार में कौन सी दुनिया है। _इस आकाश के सितारों में कोई दुनिया नहीं है।_ *लेकिन यह धरनी के चैतन्य सितारों में एक एक दुनिया है।*

*अहो प्रभु का नारा कब होगा*

_जब हर एक सितारे के अंदर जो राजधानी अथवा दुनिया बनी हुई है वह प्रत्यक्ष रूप लेगी।_ जब वह प्रत्यक्षता होगी तब सभी अहो प्रभु का नारा लगायेंगे।