*अमूल्य रतन* 79
अव्यक्त मुरली दिनांक: 16 जुलाई 1969

*पांडवों की जय जयकार कब होगी*

कभी भी कोई कार्य में चाहे स्थूल, चाहे सूक्ष्म एक तो *कभी साहस नहीं छोड़ना, दूसरा आपस में स्नेह कायम रखना।* तो फिर पांडवों की जय जयकार हो जाएगी। जय जयकार के नारे सुनने में आएंगे।

*जय जयकार के बाद क्या होगा*

जब जय जयकार हो जाती है तो *नाटक समाप्त* हो जाता है। फिर आप सभी को *अव्यक्त स्थिति का झंडा दूर से देखने में आएगा।* आप सभी की अव्यक्त *एकरस स्थिति का झंडा सारी दुनिया को लहराता* हुआ दिखेगा।

परिवर्तन की प्रतिज्ञा का कंगन अविनाशी रखना है।

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