*अमूल्य रतन* 80
अव्यक्त मुरली दिनांक: 16 जुलाई 1969

*हर एक आत्मा का यथार्थ वैल्यू कब मालूम पड़ेगा?*

आगे चलकर जो बहुत अच्छी सीन सीनरीयाँ आएंगे वह *आपका परिवर्तन* ही नजदीक लाएंगे। तब अपनी वैल्यू का भी पता पड़ेगा।
अभी वेल्यू थोड़ा ऊपर नीचे होता रहता है।

*मधुबन का महत्व क्या है*

मधुबन है बापदादा का सारी दुनिया के बीच में *बड़े प्यार से बनाया हुआ शोकेस।* _उस शोकेस में आप अमूल्य रत्न रखे हुए हो।_

*इस शोकेस में शो करने के लिए एक बात का ध्यान*

_जो कर्म हम करेंगे हमको देख और करेंगे।_ हर एक को समझना चाहिए मैं अकेला नहीं हूंँ। मेरे आगे पीछे सारी राजधानी है। भक्त मुझे देख रहे हैं।

अभी *अपने को अपनी प्रजा और भक्तों के बीच में समझना है।* सभी आपको फॉलो करेंगे। जो भी सेकंड सेकंड कदम चलता है वह तुम्हारा संस्कार आपके जो भक्त और प्रजा है उनमें भरता जाएगा।
*क्योंकि मांँ जो करेगी, जो खायेगी वह संस्कार बच्चे में भरेंगे।*