*अमूल्य रतन* 87
अव्यक्त मुरली दिनांक: 19 जुलाई 1969

*बाप समान सर्व गुणों से संपन्न होने के लिए*

दो बातें याद रखो *जीरो और हीरो।*
सभी से छोटा रूप (आत्मा) है बाप का और आप सबका – जीरो।
_जीरो को याद रखने से हीरो बन जाएंगे।_
हीरो बनना अर्थात् मुख्य एक्टर और बापदादा का प्रिय बनना।

01. खामियां खत्म कर कमाल ही कमाल करने के लिए भी यह दो बातें याद रखो।
02. घर चलने की इच्छा हो तो भी यह दो बातें याद रखो।
03. “हम भी बदले और समय भी बदले” इस इच्छा को पूर्ण करने के लिए भी यह दो बातें याद रखो।

*जीरो में कोई बात ही नहीं होती। कोई पिछले संस्कार नहीं।*

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