*अमूल्य रतन* 95
अव्यक्त मुरली दिनांक: 23 जुलाई 1969
शीर्षक: *सफलता का आधार परखने की शक्ति*

*बिंदु रूप में स्थित होने से*

01. चलते फिरते *अव्यक्त स्थिति* का अनुभव कर सकते हो।

02. एक सेकंड के अनुभव से *कितनी शक्ति अपने में भर सकते हो* यह भी जानेंगे।

03. स्वस्थिती में स्थित रहने से अपने *जो भी गुण है वह अनुभव होंगे।*

04. *न्यारेपन का अनुभव* होगा।

*आत्माभिमानी अर्थात्* बाप की याद।
*आत्मिक स्वरूप में बाबा की याद नहीं रहे यह तो हो ही नहीं सकता।*
आत्मिक निश्चय बुद्धि से बाप की याद अलग नहीं हो सकती।