*अमूल्य रतन* 96
अव्यक्त मुरली दिनांक: 23 जुलाई 1969
शीर्षक: *सफलता का आधार परखने की शक्ति*
*कमाई का बहुत थोड़ा समय है*
*ऐसा समय आने वाला है* जो कि आप अपनी कमाई नहीं कर सकेंगे परंतु दूसरों के लिए बहुत बिजी हो जाओगे।
फिर *दूसरों की सर्विस करने में अपनी कमाई होगी।*
यह नहीं सोचना की मुसीबतें हल्की होगी फिर कमाई करेंगे, यह तो दिन प्रतिदिन और विशाल रूप धारण करेंगी इनमें रहते हुए भी अपनी स्थिति की परिपक्वता चाहिए।
इसलिए जैसी भी हो, जहांँ पर भी हो *समय का ध्यान और अपने स्वरूप की स्मृति और इसके बाद स्थिति।*