*अमूल्य रतन* 187
अव्यक्त मुरली दिनांक: *24 जनवरी 1970*
*कमज़ोरी को मिटाने के लिए*
कोशिश शब्द को मिटाना है। मैं शिवशक्ति हूंँ समझ कर चलना। शिवशक्ति सभी कार्य कर सकती हैं।
*जब तक कोशिश शब्द है तब तक अव्यक्त कशिश अपने में आ नहीं सकती।*
*संशय* लाने से *शक्ति कम* हो जाती है।
*निश्चय बुद्धि* बनने से सभी का *सहयोग* मिलता है।
*समय के पहले अपने को बदलने से* एक का लाख गुणा मिलेगा।
*कल्प पहले की स्मृति आने से* पुरुषार्थ सहज हो जाता है क्योंकि यह स्मृति शक्ति दिलाने वाली होती है।
*हिम्मतवान बनने की विधि*
हम सर्वशक्तिवान बाप के बच्चे हैं। बाप को याद किया। यही हिम्मत है।