*अमूल्य रतन* 193
अव्यक्त मुरली दिनांक: *25 जनवरी 1970*
शीर्षक: *यादगार कायम करने की विधि*

*मुख्य सब्जेक्ट अव्यक्त स्थिति*

व्यक्त में रहते हुए कर्म करते भी अव्यक्त स्थिति में स्थित रहें। इस सब्जेक्ट में पास होना है।

*अव्यक्त स्थिति की प्राप्ति के लिए*

पुरुषार्थ की लाइन में कोई रुकावट हो तो उसको मिटाकर लाइन क्लियर करना।

कहीं पर जाओ तो यही लक्ष्य रखना है कि जहां जाए वहां यादगार कायम करना अर्थात् अपने गुण सभी को देना।

*आत्मिक स्नेह की सौगात*

यहां मधुबन से विशेष आत्मिक स्नेह की सौगात साथ ले जाना। *यह स्नेह पत्थर को भी पानी कर देगा।*

*संगम का एक-एक सेकंड वैल्युएबल*

अपने समय और संकल्प दोनों को सफल करना है। जितनी भी अपनी हिम्मत है वह पूरी लगानी है।

_अव्यक्त मुरलीयों से संबंधित कोई भी प्रश्न हो तो संपर्क करें-_ *amulyaratan@godlywoodstudio.org*