*अमूल्य रतन* 194
अव्यक्त मुरली दिनांक: *25 जनवरी 1970*
*पुरुषार्थ में जंप मारना अर्थात्*
एक सेकंड में बहुत बातों को परिवर्तन करना।
*बापदादा के स्नेह का फ़र्ज़*
जो भी बापदादा के गुण हैं वह स्वयं में धारण करना। एक भी गुण की कमी ना रहे।
_जब सर्व गुण अपने में धारण करेंगे तब भविष्य में सर्वगुण संपन्न देवता बनेंगे।_
*शूरवीर अर्थात्*
01. रूह को ही देखना।
02. कोई भी बात को पार करना मुश्किल नहीं लगता और समय भी नहीं लगता।
03. समय सिवाय सर्विस के अपने विघ्नों आदि को हटाने में नहीं जाता।
04. पुरुषार्थ में बचपना ना हो, किसी भी परिस्थिति वायुमंडल में भी कमजोर ना बनें।
_अव्यक्त मुरलीयों से संबंधित कोई भी प्रश्न हो तो संपर्क करें-_ *amulyaratan@godlywoodstudio.org*