*अमूल्य रतन* 219
अव्यक्त मुरली दिनांक: *23 मार्च 1970*

*सरलचित्त बनने की युक्ति*

अपने व दूसरों की बीती को ना देखो।

*सरलचित्त की निशानी*

मधुरता नयनों से, मुख से व चलन से प्रत्यक्ष रूप में देखने में आती है।
इसलिए होली पर मिठाई का नियम है।

*बड़े ते बड़ा मिलन – संस्कारों का मिलना।*

*विधि से सिद्धि*

*जब पुरुषार्थ की विधि संपूर्ण हो जाती है तब सिद्धि प्राप्त होती है।* सभी सिद्धि को प्राप्त करने के लिए बापदादा के पास नहीं आते हैं। देवियों के पास जाते हैं।
देवियां स्वयं सिद्धि प्राप्त की हुई हैं। तब दूसरों को रिद्धि सिद्धि दे सकती है। *तुम्हारे पुरुषार्थ की सिद्धि तब होगी जब संस्कारों का मिलन होगा।*

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