*अमूल्य रतन* 262
अव्यक्त मुरली दिनांक: *18 June 1970*
शीर्षक: *वृद्धि के लिए टाइम टेबल की विधि*

*अपनी स्थिति की वृद्धि की विधि*

मुख का आर्गन्स कुछ मोटा है, बुद्धि मुख से सूक्ष्म है। मुख के माफिक बुद्धि को जब चाहो तब चलाओ जब चाहो तब न चलाओ। जब यह अभ्यास मजबूत होगा तो अपनी स्थिति भी मजबूत बना सकेंगे।

*मुख्य सब्जेक्ट ज्यादा से ज्यादा अव्यक्त स्थिति में रहना।*

*संपूर्ण स्टेज को सामने रख चेक करो*

बापदादा बिंदी रुप के लिए नहीं पूछते हैं। अव्यक्त स्थिति कितना समय रहती है?

*संपूर्ण स्टेज अर्थात् – निरंतर याद*

*विधि का मालूम होते हुए भी वृद्धि ना होने का कारण*

विस्तार करना। विस्तार में जाना आता है लेकिन जब चाहे तब समेटना और समा लेना यह प्रैक्टिस कम है।
*ज्ञान के विस्तार को भी समाकर ज्ञान स्वरूप बन जाना। बीज रूप बन जाना।*

_*अव्यक्त मुरलीयों से संबंधित* कोई भी प्रश्न हो तो संपर्क करें-_ *amulyaratan@godlywoodstudio.org*