*अमूल्य रतन* 263
अव्यक्त मुरली दिनांक: *18 June 1970*

_अगर टाइम टेबल नहीं होगा तो टाइम सफल नहीं होगा। अगर टाइम सफल नहीं होगा तो कार्य भी सफल नहीं होगा।_

टाइम प्रमाण चलने से ही दिन में अनेक कार्य कर सकते हैं। *आत्मा की उन्नति के कार्य नोट करो।*

*प्रतिज्ञा के बाद प्रैक्टिकल, प्रैक्टिकल के बाद चेकिंग, चेकिंग के बाद बीती सो बीती फिर आगे उन्नति का साधन।*

*समय से पहले संपूर्ण बनने के लिए*

जैसे मधुबन में जब आते हो तो कुछ छोड़ कर जाते हो, कुछ भर कर जाते हो। इसी रीति से *हर दिन कुछ छोड़ो और कुछ भरो।* जब इतना अटेंशन रखेंगे तो समय से पहले सम्पूर्ण बनेंगे।

*समय के पहले संपूर्ण बनने से* संपूर्णता क्या चीज है? ईश्वरीय अतींद्रिय सुख क्या होता है? इसका अनुभव कर सकते हो।

_*अव्यक्त मुरलीयों से संबंधित* कोई भी प्रश्न हो तो संपर्क करें-_ *amulyaratan@godlywoodstudio.org*