*अमूल्य रतन* 297 *एक बंधन जो रह गया है* देह के संबंध और देह के पदार्थों से लगाव मिटाना सरल है, लेकिन देह के भान से मुक्त होना मेहनत की बात है। *देह के भान से मुक्त होने के लिए युक्ति* सदैव यही समझो कि जैसे बाप देह का आधार लेकर बोल रहे हैं वैसे ही हम भी देह का आधार लेकर कर्म कर रहे हैं। *न्यारा और प्यारा* सर्व के स्नेही बनने के लिए पहले न्यारा बनना है। सर्विस करते हुए, संकल्प करते हुए भी अपने को और दूसरों को भी महसूसता आनी चाहिए कि यह न्यारा और अति प्यारा है। _*अव्यक्त मुरलीयों से संबंधित* कोई भी प्रश्न हो तो संपर्क करें-_ *amulyaratan@godlywoodstudio.org* |