*अमूल्य रतन* 298 (19 07 2019) *सर्विस की सफलता का स्वरूप* सर्व आत्माओं को *बाप के स्नेही* और *बाप के कर्तव्य में सहयोगी* और *पुरुषार्थ में उन आत्माओं को शक्ति रूप बनाना।* जिन आत्माओं की सर्विस करते हो _उन आत्माओं में यह तीनों क्वालिफिकेशन (Qualification) प्रत्यक्ष रुप में दिखनी चाहिए।_ अगर एक भी गुण की कमी है तो सर्विस की सफलता की भी कमी है। *मुख्य बात जिसे ध्यान में रखने और कर्म में धारण करने से सफलता स्वरूप बन सकेंगे* जितना साक्षी रहेंगे उतना साक्षात्कार मूर्त और साक्षात् मूर्त बनेंगे। इसलिए ‘अभी अभी आधार लिया अभी अभी न्यारे हो गये।’ इस अभ्यास को बढ़ाओ, इससे संपूर्णता और समय समीप आयेगी। _*अव्यक्त मुरलीयों से संबंधित* कोई भी प्रश्न हो तो संपर्क करें-_ *amulyaratan@godlywoodstudio.org* |