*अमूल्य रतन* 300
अव्यक्त मुरली दिनांक: *06 August 1970*

जब स्वयं प्राप्ति स्वरूप बनेंगे तब अन्य आत्माओं को भी प्राप्ति करा सकेंगे।

*नज़दीक की प्रजा बनाने के लिए*

नाजुकपना (अलबेलापन) छोड़ना होगा। *नाजों से चलना छोड़ राजों से चलना है।* जितना जितना राजयुक्त होंगे उतना उतना नाजुकपन छूटता जायेगा।

*रूहानियत का एक ही रूप रहने के लिए*

पढ़ाई में रेगुलर होना मुख्य बात होती है। अमृतवेले उठने से लेकर *हर कर्म, हर संकल्प और हर वाणी में भी रेगुलर।* रेगुलर बनने से रूलर बनेंगे।

साक्षात्कार मूर्त बनने से आपके द्वारा बापदादा का साक्षात्कार स्वत: ही होगा। इसके लिए *स्वयं को ज्ञान, योग का प्रत्यक्ष प्रमाण बनाओ।*

_*अव्यक्त मुरलीयों से संबंधित* कोई भी प्रश्न हो तो संपर्क करें-_ *amulyaratan@godlywoodstudio.org*