*अमूल्य रतन* 54
अव्यक्त मुरली दिनांक: 26 मई 1969
शीर्षक: *संपूर्ण स्नेही की परख*

*बापदादा के स्नेह का रेस्पॉन्ड है स्वयं को बचाना।*
*किन किन बातों से स्वयं को बचाना है -*

01. मन्सा में कोई संशय ना आए। *(मन्सा सहित प्योरिटी हो।)*
02. वाचा भी ऐसी रखनी है जो मुख से कोई ऐसा बोल न निकले। *(ऐसी वाचा जैसे साकार में बापदादा की थी)*
03. कर्म भी ऐसा करना जैसे साकार तन द्वारा करके दिखाया। *(कर्म ऐसा हो जो और भी देखकर फॉलो करें)*
04. *संगदोष से बचना है।*
05. आत्मा के रूप से, शरीर के रूप से बहकाने वाले रूप सामने आयेंगे। उनसे बचना है।

भिन्न भिन्न प्रकार के विघ्न और *माया के परीक्षाओं में पास होने के लिए परखने की शक्ति* चाहिए।