*अमूल्य रतन* 119
अव्यक्त मुरली दिनांक: 03 अक्टूबर 1969
*संपूर्ण समर्पण का छाप अगर नहीं लगा तो*
आप आत्माओं की स्वर्ग में वैल्यू कम हो जाएगी।
अपनी राजधानी में समीप आने के लिए यह छाप लगाना।
*माताओं* को *नष्टोमोहा का मंत्र* मिला।
*पांडव* सेना को *संपूर्ण समर्पण का मंत्र।*
*पांडवों का गायन है कि गल कर खत्म हो गए – यादगार*
पहाड़ों पर नहीं लेकिन ऊंची स्थिति में गल कर अपने को निचाई से बिल्कुल ऊपर जो *अव्यक्त स्थिति है, उसमें गल गए।*
अर्थात् उस *अव्यक्त स्थिति में संपूर्णता को प्राप्त हुए।* यह पांडवों का यादगार भी है।
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