*अमूल्य रतन* 118
अव्यक्त मुरली दिनांक: 03 अक्टूबर 1969
शीर्षक: *संपूर्ण समर्पण की निशानियां*

*संपूर्ण परवानों के लक्षण और परख*

वह शमा के स्नेही होंगे, समीप होंगे और उनका सर्व संबंध, उस एक के साथ ही होंगे।

*सर्व संबंध, स्नेही, समीप और साहस* यह चारों बातें संपूर्ण परसेंटेज में धारण करनी है।

*परवानों के प्रकार*

01. शीघ्र *एक ही बार शमा पर फिदा होने वाले।*
02. सोच समझकर कदम उठाने वाले। उनको कहेंगे फेरी पहनने वाले। *चक्कर काटने वाले।*

दूसरी क्वालिटी के परवाने कई प्रकार के संकल्पों, विघ्नों और कर्मों में ही चक्कर काटते रहते हैं।

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