*अमूल्य रतन* 176
अव्यक्त मुरली दिनांक: *23 जनवरी 1970*

*सर्विस करते समय ध्यान रखने योग्य कुछ मुख्य बिंदु*

01. कोई भी *कार्य करने से पहले वायुमंडल को अव्यक्त बनाना* आवश्यक है। यही मुख्य सजावट है।

02. *कुछ दिन पहले से ही* यह वायुमंडल बनाना है।
_वायुमंडल को शुद्ध करेंगे तो नवीनता देखने में आएगी।_

03. लास्ट समय कर्तव्य ज्यादा देख चलते चलते बाहरमुखता मैं आ जाते हो। तो लास्ट वायुमंडल होने के कारण रिजल्ट वह नहीं निकलती।

04. उन्हों की सर्विस वाणी से नहीं होगी। जब चरित्र प्रभावशाली होंगे, चेंज देखेंगे तब स्वयं खींच कर आएंगे। *वाणी से वाणी अहंकार के टक्कर में आ जाती है। लेकिन प्रैक्टिकल लाइफ के टक्कर में नहीं आ सकेंगे।* इसलिए ऐसे लोगों को समझाने के लिए यही साधन है।

05. व्यक्त में अव्यक्त स्थिति का अनुभव क्या होता है वह सभी को प्रैक्टिकल में पाठ पढ़ाना है।